गेटकीपरों के लिएः अगर आत्महत्या कर ले

किसी को आत्महत्या में खोने के बाद गेटकीपरों पर गहरा असर पड़ सकता है, आप निम्न तरीकों से मदद ले सकते हैं

गेटकीपर के रूप में आप पर किसी व्यक्ति की मृत्यु का असर पड़ सकता है, भले ही आप निकट के मित्र या परिवार के सदस्य न भी हों. गेटकीपर जब ये पाता है कि उसके किसी जानने वाले ने आत्महत्या कर ली है तो वो भी भावनाओं के ज्वार में घिर जाता हैः

उसे आत्महत्या की खबर सुनकर गहरा धक्का लगता है. वो ये मानने को तैयार ही नहीं हो पाता कि उक्त व्यक्ति अब इस दुनिया में नहीं है.

आत्महत्या करने वाले के प्रति गुस्से की भावनाः आखिर उसने ऐसा क्यों किया? गेटकीपर के रूप में आपको याद आ सकता है कि व्यक्ति ने अपने कमजोर क्षण आने पर वादा किया था कि मदद के लिए बुला लेगा या ये वादा दिलाया था कि वो एक निश्चित समय तक कोई निर्णय हड़बड़ी में नहीं करेगा.

अपने को लेकर शर्मः कि व्यक्ति को आत्महत्या के बारे में राय बदलने में पर्याप्त और प्रभावी मदद नहीं कर पाए

ग्लानिः खुद से सवाल कि कहीं आपने ही ऐसा कुछ तो नहीं कह दिया जिससे आपके परिचित ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया. क्या आपने ऐसा कुछ किया था या कहा था? आप व्यक्ति के साथ बिताए समय को याद करने लगते हैं, और तमाम घटनाओं में से देखते हैं कि कहां आपसे गलती हुई हो सकती है.

मायूसीः क्या गेटकीपर के रोल में रहने लायक मैं हूं भी या नहीं. क्या मेरे प्रयत्न बेकार चले गए?

आत्महत्या हर उस व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है जो मरीज़ की देखभाल में शामिल है. गेटकीपर भले ही परिवार या दोस्तों के निकटस्थ समूह से न हो तो भी वो बुरी तरह प्रभावित हो सकता है.

हममें से अधिकांश लोग, जब आत्महत्या के बारे में सुनते हैं, तो एक कोई कारण खोजने की कोशिश करते हैं कि जिसकी वजह से व्यक्ति ने आत्महत्या की होगी, हम नतीजा निकालने लगते हैं अगर वो कारण सुलट जाता या उस पर ध्यान दिया. जाता तो व्यक्ति अपनी जान न लेता.

गेटकीपर के रूप में ये याद रखना जरूरी है कि आत्महत्या की कोई एक अकेली वजह नहीं होती है. इसका कोई आसान हल या तुरतफुरत समाधान नहीं है. कई सारी वजहों के एक जटिल समीकरणों के चलते ऐसा होता है और किसी एक हरकत या घटना को आत्महत्या की वजह नहीं बनाया जा सकता.

सबसे महत्त्वपूर्ण बात ये याद रखनी चाहिए कि कोई गेटकीपर उस व्यक्ति की हर हरकत के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकता जिसे वो सपोर्ट कर रहा है. गेटकीपर का काम ये है कि जो व्यक्ति आत्महत्या की कोशिश करता है उसे सही मानसिक स्वास्थ्य सपोर्ट दिया जाए. ये सुनिश्चित करना गेटकीपर की जिम्मेदारी नहीं है कि व्यक्ति अपनी तमाम चुनौतियों का सामना करने में समर्थ हो. गेटकीपर, मरीज़ और मानसिक स्वास्थ्य के चिकित्सक के बीच एक पुल की तरह काम करता है जो व्यक्ति को अपना लचीलापन बनाए रखने में मदद करता है.

गेटकीपर कौन है?

गेटकीपर मरीज़ की चौकसी करने वाला वो व्यक्ति है जो मानता है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है और इस काम में वो अपना समय और अपनी ऊर्जा देने के लिए तत्पर रहता है. गेटकीपर कोई टीचर, अभिभावक, वार्डन, बॉस, सहपाठी या सामुदायिक नेता हो सकता है. गेटकीपर को इस काम में प्रशिक्षित किया जाता है कि वो उस व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक-सामाजिक सपोर्ट दे जो आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है, इस बारे में जोखिम का आकलन करे और समुदाय में उपलब्ध मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की ओर पीड़ित का ध्यान ले जाए.

गेटकीपर के रूप में मदद लेना

आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के निकट रहने वाले लोगों पर इस नुकसान का असर पड़ सकता है और वे अत्यन्त भावनात्मक प्रतिक्रियाएं दे सकते हैं. कुछ लोगों को अवसाद हो जाता है या पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप बेचैन हैं और अपनी भावनाओं को बस में नहीं रख पा रहे हैं तो अपने समुददाय में किसी पेशेवर से मिलिए.

खुद को सवाल करना पूरी तरह से सामान्य बात है. और ये सोच लेना भी सामान्य है कि आपने जो किया या कहा, कहीं ऐसा तो नहीं कि उसके चलते ही आपके प्रियजन ने आत्महत्या की हो, या आप उसे रोकने के लिए कुछ कर सकते थे. आप वजह का अनुमान नहीं लगा पाएंगें, एक कोई कारण हो सकता है जिसके चलते व्यक्ति ने आत्महत्या का रास्ता चुना हो. साथ ही, सवाल की इस प्रक्रिया से गुज़रना भी लाभदायक है, ताकि आपको इस बारे में कुछ पता चल सके कि आप कुछ अलग तरह से कर सकते थे या नहीं.

अपने विचारों और भावनाओं को पहचानने, समझने, स्वीकार करने और जाहिर करने से आपको घटना से निपटने में मदद मिलेगी. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब उनका मरीज़ आत्महत्या में अपनी जान गंवा देता है, तो वे अन्य प्रोफेश्नलों से मिलते हैं जो घटना से निपटने में उनसे साथ एक सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा होते हैं. इससे उन्हें अवसर मिल जाता है कि वे ये जाहिर कर सकें कि वे घटना के बारे में क्या महसूस करते हैं, वे मदद हासिल कर सकते हैं और ये भी जान सकते है कि अगली बार अलग क्या किया जा सकता है. एक वरिष्ठ मनोचिकित्सक, गेटकीपर को ये आगाह करता है कि खुद को कमतर न माने, बल्कि इसे एक सबक की तरह लें. “आप चक्के में सिर्फ़ एक दांता है, और आप शारीरिक या भावनात्मक रूप से पूरे समय व्यक्ति के साथ नहीं रह सकते हैं. अपनी सफलता की कहानियां साझा कीजिए- न कि अपनी नाकाम कहानियां. कितना जोखिम हो सकता है इसका सही आकलन कीजिए और इसे किसी पेशेवर को भी सूचित कीजिए. अपने लिए मदद मांगिए,”वो कहती हैं.

यहां कुछ चीज़ों का उल्लेख किया जा रहा है जो संगठन और समुदाय ध्यान में रख सकते हैं:

  • ये जरूरी है कि गेटकीपर अलगथलग होकर काम न करें. समुदाय या संगठन को ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके लिए एक मज़बूत सपोर्ट सिस्टम बना हुआ है, और इस तरह की नियमित बैठकें होती रहें जिनमें गेटकीपर और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर अपनी दास्तानें सुना सकते हैं और एक दूसरे के अनुभवों से सीख सकते हैं.

  • आत्महत्या के बाद सांत्वना और सहायता की एक ठोस दखल बनी रहे. ये उन गेटकीपरों की पहचान भी करेगा जो किसी की आत्महत्या के बाद हताश हो जाते हैं. असरदार पोस्टवेंशन कार्यक्रम में गेटकीपर की हालत में सुधार और उसे फिर से सामान्य करने के लिए एक सपोर्ट ग्रुप काम करता है.

  • गेटकीपरों को भावनात्मक सहयोग मुहैया कराएं. उन्हें किसी प्रशिक्षित पेशेवर तक भेजें. कार्यस्थल में गेटकीपर को काम में लौटने से पहले कुछ मदद की जरूरत पड़ सकती है.

गेटकीपर के रूप में आप क्या कर सकते हैं:

  • अगर आप भावुक और व्यथित हैं तो अपने गेटकीपर नेटवर्क से अपने दोस्त को मदद के लिए बुला लीजिए. ऐसे गेटकीपर जिनका कोई मज़बूर सपोर्ट सिस्टम नहीं है, वे सुसाइड हेल्पलाइन में फोन कर सकते हैं. कई सुसाइड हेल्पलाइन ऐसी हैं जो उन लोगों की मदद करती हैं जिन्होंने अपनी देखरेख में रह रहे व्यक्ति की आत्महत्या से गहरा धक्का लगा था और वे उससे उबर रहे थे.

  • ये समझने की कोशिश कीजिए कि ऐसी घटना आप पर असर डालेगी. ये स्वीकार कीजिए कि ये आपके आत्मविश्वास को प्रभावित करती है और कुछ समय तक गेटकीपर के रूप में आपके काम पर भी असर डालती है. खुद को कुछ समय दीजिए, आराम कीजिए और मदद मांगिए.

  • गेटकीपर के रूप में अपनी सीमाओं को भी देखिएः आप कुछ हद तक ही काम कर सकते हैं और आप किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से नियंत्रित नहीं कर सकते हैं. अगर आपकी कुछ कानूनी चिंताएं हैं, तो आप उन्हें किसी प्रशिक्षित पेशेवर के साथ साझा कीजिए जो उन चिंताओं के समाधान में और उनसे निजात पाने में आपकी मदद कर सकता है.

  • अन्य गेटकीपरों और जिन मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ आप जुड़े हैं उनके साथ अपना सपोर्ट नेटवर्क विकसित करें. इसमें आपके लोकल फिजीशियन, मनोवैज्ञानिक, काउंसलर या मनोचिकित्सक शामिल होते हैं. इस समूह के संपर्क में रहिए भले ही सबकुछ सही चल रहा हो.

  • खुद को लचीला बनाइये, जिन गतिविधियों में दिलचस्पी है उन्हें विकसित कीजिए. गेटकीपिंग से अतिरिक्त भी कुछ अर्थ खोजिए. अपनी सेहत का ख़्याल रखिए. पर्याप्त आराम कीजिए, और मज़बूत रहने के लिए पर्याप्त भोजन कीजिए.

खुद को ये याद दिलाना अनिवार्य है कि आपने गेटकीपर बनना इसलिए चुना क्योंकि आप काम में कुछ अर्थ खोजते थे. कुछ समय निकालकर सोचिए कि इस शब्दावली का आपके लिए क्या अर्थ है. ब्रेक लीजिए, ऐसे संसाधन और रास्ते खोजिए जिनसे आप खुद को सक्रिय रखने के लिए प्रेरित हो सकें. प्रत्येक गेटकीपर के योगदान का गहरा मूल्य है और अत्यावश्यक है.

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