यौन शिथिलता या यौन निष्क्रियता

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यौन शिथिलता क्या है?

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अगर आपको ऐसी कोई समस्या है जो आपको यौन गतिविधि से रोकती है या इसका आनंद उठाने से रोकती है, तो आप यौन शिथिलता या निष्क्रियता से पीड़ित कहे जा सकते हैं. यौन शिथिलता या निष्क्रियता एक ऐसी समस्या है जो यौनिक प्रतिक्रिया चक्र (सेक्सुअल रिस्पॉन्स साईकिल) या संभोग चक्र की किसी अवस्था के दौरान, व्यक्ति को या व्यक्ति और उसके/उसकी पार्टनर दोनों को यौन गतिविधि से संतोष का अनुभव प्राप्त करने से रोकती है.
 
इस साईकिल या चक्र के चरणों में उत्तेजना, स्थिरता (प्लैटो), कामोत्तेजना की चरम अवस्था या संभोग-निष्पत्ति (ऑरगाज़्म) और वियोजन (रेज़लूशन). कामेच्छा और जागरण (अराउज़ल), संभोग चक्र की उत्तेजना अवस्था के ही भाग हैं. 
 
यौन शिथिलता या निष्क्रियता, हर उम्र के पुरुषों और महिलाओं में पाए जाने वाला एक सामान्य यौन विकार है. हालांकि इसकी संभावना बुढ़ापे में ज़्यादा बढ़ जाती है. इनमें से कई दशाओं का इलाज संभव है लेकिन लोग इस बारे में बात करने से या मदद लेने से हिचकते हैं क्योंकि उन्हें डर रहता है कि उनके बारे में कहीं कोई राय न बना ली जाए.
 
अगर आप संभोग क्रिया का आनंद उठाने में कष्ट महसूस कर रहे हैं तो आपको अपने पार्टनर से इस बारे में बात करनी चाहिए और फिर पेशेवर मदद भी लेनी चाहिए. उचित इलाज के ज़रिए आप अपने स्वस्थ यौन जीवन को फिर से बहाल कर सकते हैं. 

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यौन शिथिलता के लक्षण क्या हैं?

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पुरुषों और महिलाओं में ये लक्षण अलग अलग होते हैं. कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार से हैं-
 
पुरुषों में:
  • उत्थानक्षम (इरेक्टल) शिथिलता: संभोग के लिए शिश्न को खड़ा करने या ये इरेक्शन बनाए रखने में परेशानी
  • वीर्य स्खलन से जुड़ी समस्याएँ: स्खलन के समय नियंत्रण न रख पाने में सक्षम. ये शिश्न भेदन (पेनिट्रेशन) से पहले या फ़ौरन बाद हो सकता है और इसे समयपूर्व या अकाल समस्या कह सकते हैं. या स्खलन चरम उन्माद (ऑरगाज़्म) के बहुत देर बाद हो जिसे विलंबित स्खलन यानि देर से हुआ स्खलन माना जाता है. कुछ पुरुषों में स्खलन मंद पड़ जाता है और पीछे लौट जाता है यानि चरमोत्कर्ष में वो पेनिस के बजाय मूत्राशय (ब्लैडर) में चला जाए.
  • कामेच्छा में कमीः टेस्टोस्टीरोन नाम के हॉरमोन की कमी से भी यौन शिथिलता या निष्क्रियता आ जाती है. और आपकी संभोग करने की इच्छा टूटने लगती है.

महिलाओं में:

  • मंद कामेच्छा:  संभोग की इच्छा में कमी हो जाती है और इसकी वजह होती है एस्ट्रोजन नामक हॉर्मोन्स का कम होना. 
  • ऑरगाज़्म तक पहुँचने की अक्षमता: आपको नियमित रूप से ऑरगाज़्म को हासिल करने में कठिनाई होती है जबकि उद्दीपन और अराउज़ल पर्याप्त रहता है.
  • योनि का सूखापन और दर्द: संभोग से पहले और उस दौरान योनि स्निग्धक (वैजिनल लूब्रिकैशन) की कमी जिस वजह स तीव्र दर्द भी होता है.

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यौन शिथिलता या निष्क्रियता का कारण क्या है?

A

यौन शिथिलता, विभिन्न प्रकार की शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और अपने आसपास की सामाजिक-पर्यावरणीय वजहों से हो सकती है.
 
कुछ सामान्य कारक इस तरह से हैं:
  • शारीरिक कारक: पुरुषों में, नसों को नुकसान, रक्त प्रवाह में समस्याएँ, डायबिटीज़, हॉर्मोन का असंतुलन, स्नायु संबंधी विकार, हृदयाघात, या गुर्दों को नुकसान आदि से यौन शिथिलता या निष्क्रियता आ सकती है. शराब की लत और कुछ क़िस्म की दवाओं के इस्तेमाल से भी यौन गतिविधि पर बुरा असर पड़ता है.
  • औरतों में, पेशाब संबंधी (यूरिनरी), आंत और शौच संबंधी समस्याएँ, स्नायु विकार, गठिया और कुछ विशेष दवाओं के इस्तेमाल से यौन गतिविधि पर असर पड़ सकता है. एस्ट्रोजन हॉर्मोन के स्तरों में गिरावट से वैजिनल लाइनिंग पतली हो सकती है और इस वजह से उस जगह का लूब्रिकेशन कम हो सकता है. इससे संभोग के समय काफ़ी दर्द हो सकता है.
  • मनोवैज्ञानिक और आसपास के माहौल से जुड़े कारक: कार्यस्थल में तनाव, यौनेच्छा में कमी की एक सामान्य वजह है. दूसरे कारकों में शामिल हैं यौन प्रदर्शन को लेकर घबराहट. अवसाद की पहले से मौजूद दशा, पार्टनर के साथ संबंधों में तनाव और अतीत की कोई यौन यातना. 

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यौन शिथिलता या निष्क्रियता का उपचार या इलाज

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कई मामलों में, यौन शिथिलता पहले से मौजूद यानि किसी अंतर्निहित समस्या या बीमारी के उपचार से स्वतः ही ठीक हो जाती है. आपका डॉक्टर इसके लिए आपको दवाएँ देगा जो आपकी यौन समस्या के लक्षणों में कमी ला सकती हैं. इरेक्टल निष्क्रियता से पीड़ित पुरुषों को भी दवा दी जा सकती है जिससे शिश्न (लिंग) की ओर रक्त प्रवाह को बढ़ाया जा सकता है.
 
कभीकभार, वैक्यूम उपकरणों के सहारे में इरेक्शन हासिल किया जा सकता है. महिलाएँ अगर संभोग के समय अपनी योनि में ऐंठन या सिकुड़न महसूस करती हैं तो वे डाइलेटर (विस्तारक) का इस्तेमाल कर सकती हैं. 
अगर डॉक्टर को आपकी दशा की कोई शारीरिक वजह पता नहीं चल पाती है तब वो आपकी यौन समस्या के लिए आपको मनोवैज्ञानिक थेरेपी कराने की सलाह दे सकता है.
 
थेरेपी से तनाव और घबराहट को कम करने में मदद मिल सकती है. थेरेपिस्ट आपको ऐसी तरकीबें बता सकता है और इस बारे में आपका नजरिया स्पष्ट कर सकता है जिनसे आपके शरीर की यौन प्रतिक्रिया का स्तर ऊपर उठ जाए. आपके और आपके पार्टनर के लिए कपल्स थेरेपी भी प्रगाढ़ता, निकटता और संबंधों को मधुर बनाने के लिए काम आ सकती है.

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अपने पार्टनर की देखरेख

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अगर आपके पार्टनर में यौन विकार के लक्षण नज़र आते हैं तो आपके लिए ये समझना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है कि वे बहुत तीव्र तनाव और कष्ट से गुज़र रहे होंगे. ऐसे मामलों में आपसे बहुत ज़्यादा धीरज और सहायता की अपेक्षा की जाएगी. क्योंकि समस्या की प्रकृति बहुत संवेदनशील, आंतरिक और घनिष्ठ है. उनसे उनकी समस्या के बारे में बात करने की कोशिश कीजिए और उससे निजात पाने के लिए उन्हें जो भी मदद चाहिए उसकी पेशकश कीजिए.
 
उन्हें डॉक्टर के पास जाने की सलाह दीजिए, हो सके तो उनके साथ जाइए. अगर आप मानते हैं कि संबंधो से जुड़ी बात से ये समस्या आ रही है तो उस मामले का हल निकालने की कोशिश कीजिए और चीज़ों को बेहतर बनाइए. सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण ये है कि उनकी रिकवरी में भागीदार बनिए, उनके साथ रहिए. अगर थेरेपिस्ट संयुक्त थेरेपी की सिफारिश करता है, तो इसके लिए अड़िए मत या मना मत कीजिए.
 
अगर डॉक्टर ने उपचार का कोई प्लैन तैयार किया है और उसे लागू करने के लिए कहा गया है तो ये सुनिश्चित कीजिए कि आपका या आपकी पार्टनर उस उपचार का नियमपूर्वक पालन करे.
 
यौन शिथिलता या निष्क्रियता को स्वीकार करना 
 
यौन शिथिलता या निष्क्रियता बहुत सारे लोगों के लिए शर्मिंदगी का कारण बन जाता है. लेकिन जितना जल्दी इसे आप स्वीकार कर लेंगे और मदद लेंगे, उतना ही जल्दी आपमें सुधार के अवसर बढ़ेंगें. इसमें किसी तरह की देरी आपके तनाव को आगे चलकर और बढ़ाएगी. जीवनशैली में कुछ बदलावों के साथ आप बेहतर यौन प्रतिक्रिया कर सकते हैं. अपने पार्टनर से खुला और ईमानदार रहने से भी इस समस्या से जुड़ी आपकी घबरहाट को कम करने में मदद मिलती है.
 
एक सक्रिय जीवनशैली और नियमित व्यायाम की मदद से ऊर्जा और ताकत और रक्त प्रवाह बढ़ता है. शराब और धूम्रपान से दूर रहें. शराब पीने से आपकी यौन प्रतिक्रिया क्षमता कम हो जाती है और धूम्रपान से रक्त संचार बाधित होता है. आराम की कुछ तकनीकें सीखने से भी आप रोज़ाना के तनाव से मुक्त रह सकते हैं. सबसे बढ़कर ये कि आप किसी पेशेवर से भी मिलें जो आपकी समस्या को बेहतर ढंग से समझेगा और आपके लिए बेहतर उपचार योजना तैयार कर पाएगा.

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