छात्रों के साथ विश्वास भरा रिश्ता

शिक्षक गहरा रिश्ता स्थापित करके छात्र का अंतरंग-मित्र बन सकता है
  • सभी अच्छे रिश्ते बातचीत के साथ शुरु होते हैं।  शिक्षक अपने प्रत्येक छात्र को बेहतर तरीके से जानकर सकारात्मक रिश्ता स्थापित करने हेतु नींव डाल सकते हैं।  उदाहरण के लिए, वे उनकी प्रतिभा एवं पेशेवर आकांक्षाओं के बारे में बात करते हुए शुरु कर सकते हैं।  कुछ शिक्षक इन रुचियों तथा महत्वकाक्षाओं को दिमागी तौर पर नोट करके अगली बार जब भी वे कोई प्रासंगिक सूचना समाचार-पत्र में या इंटरनेट पर पाएँ, तब वे उसे अपने छात्र से साझा कर सकते हैं।  यह रिश्ते को और भी मज़बूत बनाता है।
  • मूल मंत्र है सौम्य, पर दृढ़ रहना।  जो शिक्षक अपनी अपेक्षाओं को वर्ष की शुरुआत में ही स्पष्ट रूप से कह देते हैं (उदाहरण के लिए, सौंपे गए काम को पूर्ण करने की सीमा, उपस्थिति, सेल-फोन का उपयोग, आदि) वे कक्षा में सकारत्मक अनुभव को अधिक पाते हैं।  जैसे-जैसे वर्ष बीतने लगता है, और बातचीत करें।  आप अपने कथनी और करनी में अपरिवर्तनशील रहें।
  • कक्षा के वातावरण को इस तरह प्रोत्साहित करें जिससे सभी सम्मानित महसूस करें।  सबसे बड़ी बात, सभी छात्रों के साथ निष्पक्ष रूप से व्यवहार करें।  जब छात्र देखेंगे कि उनके शिक्षक पक्षपाती नहीं है, तो वे अपने आप विश्वास एवं सम्मान के साथ विनिमय करेंगे।
  • छात्र अक्सर अपने निष्पादन के बारे में शिक्षक की टिप्पणियों पर विश्वास करते हैं – प्रोत्साहन भरी कुछ बातें उन्हे ऊँचा लक्ष्य प्राप्त करने हेतु प्रेरित कर सकती हैं, जबकि एक कठोर बात उनके आत्मविश्वास तथा आत्म-सम्मान को गहरी चोट पहुँचा सकती है।  जितना हो सके उतना सकारत्मक तरीके से बात करें।

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