डिस्लेक्सिया (अपपठन) क्या है?
डिस्लेक्सिया पढ़ने लिखने से जुड़ी एक एक ख़ास विकलांगता है जिसका असर पड़ने और भाषा को समझने और बरतने पर पड़ता है. डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को पढ़ने, लिखने, स्पेलिंग लिखने या बोलने में कठिनाई होती है. ये कुछ कौशलों और योग्यताओं को प्रभावित कर सकती है. लेकिन बच्चे की बौद्धिकता के सामान्य स्तर से इसका कोई लेनादेना नहीं है.
इसकी गंभीरता हर बच्चे में अलग हो सकती है. कुछ बच्चों को पढ़ने और लिखने में कठिनाई आ सकती है, कुछ नये शब्द और अर्थ नहीं सीख पाते हैं, और कुछ ऐसे हैं जिन्हें व्याकरण या नई भाषा से समस्या आती है. भाषा को समझने में इस कठिनाई की वजह से, बच्चा पढ़ाईलिखाई में पिछड़ सकता है. डिस्लेक्सिया कई और किस्म की सीखने से जुड़ी विकलांगताओं, एडीएचडी. या ऑटिज़्म के साथ दिख सकती है.
डिस्लेक्सकिया के चिन्ह क्या हैं?
कई माँ-बाप या अभिभावक बच्चे में डिस्लेक्सिया के चिन्हों का पता तभी लगा सकते हैं जब वह स्कूल जाने लगे.
पूर्व प्राथमिक यानि प्री-स्कूलः बच्चे को कठिनाई हो सकती हैः
प्राइमेरी और मिडिल स्कूलः बच्चों को कठिनाई आ सकती है निम्न बातों में-
किशोर और युवाओं को कुछ समस्याएँ आ सकती हैं जैसे
डिस्लेक्सिया की वजह क्या है?
शोधकर्ताओं को इसकी अभी कोई ठीक ठीक वजह नहीं पता चल पाई है. हालांकि उन्होंने पाया है कि जीन्स और दिमाग के कार्यों में अंतर की वजह से डिस्लेक्सिया हो सकता है.
डिस्लेक्सिया की पहचान कैसे की जाती है?
इसकी पहचान का कोई एक अकेला टेस्ट नहीं है. जानकारों और पेशेवरों की टीम बच्चे के लक्षणों का आकलन करती है और फिर डिस्लेक्सिया की पहचान करती है. विशेषज्ञ इस बात की जाँच भी करते हैं कि कहीं दूसरी अन्य समस्याएँ जैसे सीखने की विकलांगता, एडीएचडी या अन्य मुद्दे, बच्चे की सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित तो नहीं कर रहे हैं. इसलिए अंतिम तौर पर डिस्लेक्सिया की पहचान के लिए निम्न बातों को परखा जाता हैः
डिस्लेक्सिया का इलाज
इसका इलाज विशिष्ट शैक्षिक पद्धतियों और तकनीकों को अपनाते हुए किया जाता है. शुरुआती शिनाख़्त और सही समय पर सही हस्तक्षेप बच्चे को डिस्लेक्सिया से निजात दिला सकता है.
कुछ हस्तक्षेप इस तरह से लागू किए जा सकते हैं:
• वैकल्पिक शिक्षण तकनीकें: शिक्षक और विशेष शिक्षा से जुड़े विशेषज्ञ सीखने के वैकल्पिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. उदाहरण के लिए, पाठों को ऑडियो टेप के ज़रिए याद करना, पढ़ते हुए अक्षरों के आकारों को स्पर्श या महसूस करना और तस्वीरों और चित्रों की मदद से शब्दों को पहचानना. ये अभ्यास आपकी वोकैब्यलेरी यानि शब्दकोश को बढ़ा सकते हैं
• सिखानाः पठन विशेषज्ञ फ़ोनेटिक्स यानि स्वरविज्ञान और अन्य वैकल्पिक तरीक़ों से डिस्लेक्सिया से जूझ रहे बच्चों के पढ़ने के कौशल को सुधारने में मदद कर सकते हैं.
• वैयक्तिक शिक्षा योजना (Individualized Education Plan-IEP): सुपरिभाषित और सुस्पष्ट लक्ष्यों के साथ सीखने की एक सुगठित और व्यवस्थित योजना, बच्चों के लिए मददगार हो सकती है.
नोटः ये ध्यान रहे कि
• डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों में एडीएचडी हो जाने का जोखिम भी रहता है. या इसका उल्टा भी संभव है. एडीएचडी के लक्षण, डिस्लेक्सिया के इलाज में कठिनाई पैदा कर सकते हैं.
• डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे आला दर्द के प्रतिभाशाली और रचनात्मक रूप से संपन्न हो सकते हैं. अगर उन्हें सहायता, प्रोत्साहन और सही संसाधन उपलब्ध हों तो वे अपनी रुचि के किसी क्षेत्र में अच्छा काम करके दिखा सकते हैं.
अगर डिस्लेक्सिया का इलाज न हो तो क्या होता है?
जब डिस्लेक्सिया का पता नहीं चल पाता है या बचपन में उसकी पहचान नहीं हो पाती है तो उसके असर बने रहते हैं और बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ उसकी सीखने की प्रक्रिया और भाषा के कौशल को अवरुद्ध कर सकते हैं. अगर इलाज न किया जाए तो डिस्लेक्सिया निम्न में से कुछ समस्याएँ पैदा कर सकता हैः
डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चे की देखभाल
डिसलेक्स्या से पीड़ित बच्चे की देखरेख उसके अभिभावकों के लिए थकाने वाली और तनाव भरी जद्दोजहद हो सकती है. लेकिन अगर अभिभावकों को डिस्लेक्सिया के बारे में जागरूकता, ज्ञान और जानकारी होगी तो वे अपने बच्चे की मदद कर पाएँगें. और इस तरह इस मुश्किल से निपटने और सामान्य ज़िंदगी बिता पाने में बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
नीचे कुछ तरीक़े दिए जा रहे हैं जिनके ज़रिए आप अपने बच्चे की मदद कर सकते हैं:
प्यार भरे और सौहार्दपूर्ण वातावरण में बच्चा सबसे ज़्यादा सुरक्षित महसूस करता है. अपना प्यार और समर्थन जताकर, अपने बच्चे को उसकी कोशिशों के लिए तारीफ़ कर, और उसे अपनी सामर्थ्य पर ही ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित कर, आप उसकी मदद ही करेंगे और वो इस कठिनाई से निजात पाने में कामयाब हो सकेगा.
डिस्लेक्सिया से पीड़ित वयस्क
अगर आपको डिस्लेक्सिया है और अपने बचपन से आप इस पर काबू पाने में समर्थ नहीं रह पाए हैं तो हिम्मत मत हारिए. ये एक ऐसा विकार है जिसका इलाज बड़ी उम्र में भी हो सकता है. अगर आपको लगता है कि आपको डिस्लेक्सिया है तो किसी विशेषज्ञ से मदद लीजिए. समर्थन और सहायता के लिए आप अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों के नज़दीक जाएँ, उनसे घुलेमिलें.