बच्चे को जन्म देना एक माँ के लिए शारीरिक और भावनात्मक रूप से थकाऊ हो सकता है. यही समय है जब उसे पूरे आराम व विश्राम की ज़रूरत होती है. परंतु कई माताओं को पर्याप्त नींद और आराम पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है जो उनकी भावनात्मक पीड़ा को बढ़ाती है. बच्चे के स्वास्थ्य और निद्रा से संबंधित चिंताएँ माँ के विश्राम और नींद में बाधा ड़ालती हैं. कुछ माताएँ इस चिंता में नहीं सोती हैं कि कहीं नींद में वह बच्चे को नुकसान न पहुँचाए. कई माताएँ इस थकान और अनिद्रा से निपटने में समर्थ होती हैं और वापस नियमित समय पर सोने लगती हैं लेकिन कुछ महिलाएँ ऐसा नहीं कर पातीं.
प्रसवोत्तर अनिद्रा ऐसी स्तिथि है जब माताएँ थकान के बावजूद सो नहीं पाती हैं जब कि बच्चा भी आराम से सो रहा हो. उन्हें लगता है कि अगर वे सो जाएँगी तो बच्चे के उठने पर उन्हें पता नहीं चलेगा, और अगर सोती भी हैं तो इस कल्पना से जग जाती हैं कि बच्चा रो रहा है या जग चुका है. प्रसवोत्तर अनिद्रा का प्रसवोत्तर अवसाद से संबंध जोड़ा गया है जब कि कोई भी महिला सिर्फ़ प्रसवोत्तर अनिद्रा से ग्रस्त हो सकती है.
आप अपनी नींद में सुधार लाने के लिए क्या कर सकते हैं?
अगर आप बच्चे के जन्म के बाद पर्याप्त नींद नहीं कर पा रही हैं तो नींद की गुणवत्ता सुधारने के लिए निम्नलिखित चीज़ें कर सकती हैं:
अपने डॉक्टर से सोने की समस्या के बारे में बात करना आवश्यक है. वह आपको सही सलाह देंगे. डॉक्टर से परामर्श किए बिना कोई भी नींद की दवा न लें.