अगर गर्भावस्था में सारा ध्यान माँ पर केंद्रित रहता है तो बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ध्यान बच्चे पर केंद्रित हो जाता है. नई माँ को, बच्चे के जन्म के बाद खुद को और बच्चे को संभालने की ज़िम्मेदारी से पहली बार सामना करने में कठिनाई हो सकती है. इससे वह बेचैनी महसूस कर सकती है.
ऐसे में आप खुद की देखभाल यूँ कर सकते हैं :
• जन्म के बाद कुछ दिनों या हफ्तों तक थकान और कमजोरी महसूस करना सामान्य है. इसका कारण खून की कमी हो सकता है, जिससे आपको कँपकँपी और थकान हो सकती है. अचानक वजन घटना, पेट में खालीपन सा महसूस होना, आदि. पहले 2-3 सप्ताह अच्छी तरह आराम करें.
• पानी और तरल पदार्थ का सेवन करते रहें. इस चरण के दौरान हाइड्रेशन बहुत महत्वपूर्ण है.
• सामान्य आहार के साथ पौष्टिक भोजन करें. नई माताओं को पोषक तत्वों से पूरित भोजन की जरूरत है. अपने आहार के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और सुझाव लें. आहार से संबंधित बहुत रस्में हैं, वैज्ञानिक और चिकित्सीय रूप से स्वस्थ आहार लेने का प्रयास करें.
• स्तनपान: शुरू के कुछ दिन नई माताओं के लिए बहुत कठिन हो सकते हैं. अस्पताल में डॉक्टर या नर्स की मदद लें. स्तनपान के बारे में सलाह लेने में संकोच न करें और खुद पर अनुचित दबाव न डालें. सही आसन, सुकून की मुद्रा और मूड, स्तनपान के लिए बहुत ज़रूरी है. कोई भी संदेह हो तो स्तनपान सलाहकार से बात करें.
• व्याकुलता महसूस करना स्वाभाविक है, और मन में ये सवाल उठता है कि बच्चे को जन्म देने का निर्णय सही था या नहीं - विशेष रूप से प्रारंभिक दिनों में. सही समय पर सहयोग मिले तो बच्चे की देखभाल करने में सहायक होता है और खुद को पर्याप्त आराम भी मिल सकता है.
• पहले दो महीनों में थकान, निर्णय लेने में असमर्थता होने की भावना सामान्य है. आपको लगता है कि बच्चे की देखभाल में ये बाधा है तो किसी की सहायता लें.
• व्यायाम: आप जन्म देने के कुछ ही हफ्तों बाद हल्के व्यायाम शुरू कर सकते है. अपनी शारीरिक स्थिति के लिए उपयुक्त व्यायाम के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें.
• नवजात शिशु की देखभाल में सारा समय बिताने के कारण नई माँ पति के साथ समय बिताने में असमर्थ होती है. बच्चे की देखभाल में अपने पति को भी शामिल कीजिए. इस तरह साथ में समय बिताने का मौका भी मिलेगा.
• बच्चे की देखभाल करना तनावपूर्ण होता है, अगर बच्चे को कुछ देर कोई और संभाल रहा हो तो आप कुछ समय अपने लिए निकालें.
• जब बच्चा खुश और शांत हो तो उसके साथ समय बिताएँ.
काम-काजी माताओं के लिए सलाह:
• बच्चे के जन्म से पहले ही बच्चे के होने के बाद के काम के पैटर्न की योजना बना लें.
• अपनी जरूरतों के बारे में अपने प्रबंधक या HR के साथ खुलकर चर्चा करें. आपको कभी-कभी कमज़ोरी हो सकती है या चक्कर आ सकते हैं. ज़रूरत पड़ने पर छुट्टी लेकर घर से ही काम करने की सहमति लें. महिला कर्मचारियों से संबंधित काम की नीतियों और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
• विराम के समय: क्या आप 10-15 मिनट के लिए एक लघु विराम या नींद ले सकते हैं?
• अगर आपका ऑफ़ीस दूर है तो अपने स्तनों से दूध निकालकर संग्रहित करना सीखें जिससे शिशु को माँ का दूध लभ्य हो.
• बच्चे और माँ दोनों पर तनाव का असर पड़ता है. काम के कारण तनाव पैदा हो रहा हो तो अपने प्रबंधक से बात करें और अपनी जिम्मेदारियों को संशोधित करने का निवेदन करें. यात्रा की थकान से बचने के लिए घर से काम करने की सहमति लें. अपनी संस्था के मातृत्व-अवकाश का उपयोग करें.