अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिल रहे हैं, जो अपने प्रियजन के आत्महत्या कर लेने से शोक संतप्त है, तो आप इस उलझन में रहते हैं कि बात कैसे की जाए। आत्महत्या करने वाले के परिजन के लिए सहायक क्या हो सकता है इसके बारे में जागरूक रहना आपको बातचीत करने में मददगार हो सकता है।
सिर्फ सुनें..प्रियजन की आत्महत्या से दुखी व्यक्ति सिर्फ अपनी बात कहना चाहता है। यह जरूरी नहीं कि वह किस मनः स्थिति से गुजर रहे हैं इस बारे में आप सब कुछ जानते हों या यह जानते हों कि उनकी समस्या को कैसे दूर किया जाए। कोई भी सलाह या सुझाव दिए बिना उन्हें सुनकर उन्हें बताया जा सकता है कि वे जिस तरह से महसूस कर रहे हैं वह ठीक है। " आप जिस दौर से गुजर रहे हैं मैं इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता, लेकिन मैं चाहता हूं कि आप जान सकें कि मैं यहां आपके लिए हूं, और आपकी बात सुनने के लिए तैयार हूं।"
स्थिति को समझने और इसे नियंत्रित करने की अपनी जरूरत से अवगत रहें.. मुनष्य का एक प्राकृतिक स्वभाव है किसी अनुभव को समझना और इसका कुछ कारण या मतलब निकालना। इसके लिए आप किसी ऐसे व्यक्ति को साथ रख सकते हैं जो मृतक से कम गहराई से जुड़ा हुआ हो। परिवार के लोगों और दोस्तों को अक्सर इस परिस्थिति से समझौता करने के लिए यह कठिन समय होता है और उन्हें भावनात्मक सहारे की आवश्यकता होती है। जब वे अपने प्रियजन को खोने के हालात से जूझ रहे हों और खुद कुछ समझने की कोशिश कर रहे हों, तो बार-बार किए गए प्रश्न या विवरण के बारे में पूछना उनके लिए मुश्किल हो सकता है।
जो कुछ भी वह आपसे साझा करना चाहते हैं, उन्हें करने दें.. उन्हें मौका दें, कि जो कुछ भी वह आपसे बांटना चाहते हैं। भले ही यह प्रियजन को खोने से संबंधित न हो। क्या और कैसे हुआ इसके बारे में विवरण, या पहले या बाद में क्या हुआ, इसके लिए उन पर दबाव डालने से बचें। कुछ लोग अपनी कहानी बार-बार बताना चाहते हैं; कुछ अन्य अपने प्रियजन की स्मृति को याद करना चाह सकते हैं। हम में से प्रत्येक के लिए किसी स्थिति से निपटने के विभिन्न तरीके हैं।
उनके दुःख को मान्यता देते हुए सामान्य करने का प्रयास करें...आत्महत्या से जुड़े कलंक को देखते हुए, वे जानना चाहेंगे कि इस स्थिति में उदास महसूस करना, शोक मनाना या शायद अपने प्रियजन से नाराज होना क्या ठीक है। यह शोक की प्रक्रिया का एक हिस्सा है, और हर कोई अलग-अलग तरह से दुख प्रकट करता है। तो बस उन्हें बताएं कि उनके लिए रोना या दुखी महसूस करना ठीक है।
उन्हें यह बताने की कोशिश करें कि इसमें उनकी गलती नहीं है...अपने प्रियजन को 'बचा पाने' में सक्षम नहीं होने के बारे में वे अपराधबोध या शर्म महसूस कर सकते हैं। उन्हें बताएं कि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
याद रखें कि उन्हें ठीक कर पाना आपका काम नहीं है... यदि आप मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर नहीं हैं, तो शायद आपके पास उनको इस स्थिति से उबारने का कौशल नहीं होंगा। आप उनके लिए जो पेशकश कर सकते हैं उनमें आपका प्यार, देखभाल और सहारा देना शामिल है। यदि आप अभिभूत हैं, तो किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या हेल्पलाइन की तुरंत सहायता लें।
यदि आवश्यक हो तो उन्हें पेशेवर सहायता के लिए भेजें.. यदि आप देखते हैं कि प्रियजन को खोने के बाद वे हफ्तों या महीनों से उबर नहीं पाए हैं, तो आप उन्हें कोमलता से यह सलाह दे सकते हैं कि वे हेल्पलाइन या किसी परामर्शदाता से बात करें।
क्या नहीं कहना है:
"अरे नहीं, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि वे खुद की जान ले लेंगे।"
"कम से कम वे अब एक अच्छी जगह पर हैं।"
"तो ऐसा क्या हुआ था? उन्होंने ऐसा क्यों किया?"
"क्या वास्तव में तुम्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी?"
"क्या तुम उन्हें समझाने की कोशिश नहीं करते थे?"
"क्या तुम्हें पक्का पता है कि वे मानसिक रूप से बीमार नहीं थे?"
"चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा!"
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति से बात कर रहे हैं जिसके किसी प्रियजन ने आत्महत्या कर ली है, तो ऐसी टिप्पणियां, यहां तक कि बहुत अच्छी तरह से जानी जाने वाली बातें भी, उन्हें स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है। एक व्यक्ति जो आत्महत्या कर लेने वाले किसी प्रियजन को खो देता है, उसे : सदमे, क्रोध, अपराधबोध, शर्म और भय जैसी कठोर भावनाओं का सामना करना पड़ सकता है।
कामना छिब्बर, नैदानिक मनोवैज्ञानिक सलाहकार और मानसिक स्वास्थ्य प्रमुख, मानसिक स्वास्थ्य विभाग एवं व्यवहार विज्ञान विभाग, फोर्टिस हेल्थकेयर और तनुजा बाबरे, आईकॉल साइकोलॉजी हेल्पलाइन, मुंबई में कार्यक्रम सहयोगी, के इनपुट के साथ।