मानसिक बीमारी क्या होती है?
मानसिक बीमारी स्वास्थ्य की उन स्थितियों के बारे में बताती है जो व्यक्ति विशेष की भावनाओं, मानसिक कुशलता और व्यवहार को प्रभावित करती हैं। शारीरिक बीमारी की तरह ही मानसिक बीमारी में भी इलाज की जरूरत होती है।
ऐसी बीमारियाँ आनुवांशिकता जैसे जैविक, आघात जैसे मानसिक और भेदभाव जैसे सामाजिक कारणों के संयोजन से होती हैं।
मानसिक बीमारी को आंकने के लिए व्यापक रूप से स्थापित दो प्रणालियां हैं-
● आईसीडी -10 (ICD-10): विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इंटरनेशनल क्लासीफिकेशन ऑफ़ डिजीजेज का पाँचवा अध्याय
● डीएसएम-5 (DSM-5): अमरीकी साइकियाट्रिक एसोसिएशन की द डायग्नॉस्टिक एंड स्टेटिस्टिकल मैन्युएल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर्स
इन दोनों नियमावलियों में 250 से ज़्यादा मनोचिकित्सीय विकारों की पहचान और उनके नाम शामिल हैं।
मानसिक बीमारियों के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
मानसिक बीमारियां सात तरह की होती हैं। ये हैं-
मूड डिसऑर्डर (मनोदशा की समस्याएं)
लंबे समय तक मनोदशा में गंभीर गड़बड़ी किसी भी व्यक्ति के जीवन में मुश्किलों का अहम कारण होता है। मनोदशा के विकारों के उदाहरणों में अवसाद और बाइपोलर डिसआर्डर जैसे विकार शामिल हैं।
एंग्जाइटी डिसऑर्डर (चिंता विकार)
इस तरह के मानसिक विकार में चिंता (अत्यधिक चिंता करना, काल्पनिक समस्याओं के बारे में सोचना, बुरी घटनाओं की आशंकाएं) मुख्य लक्षण होता है। यह किसी खास वजह से बढ़ भी सकता है (जैसे कि अतार्किक भय यानि फोबिया) लेकिन ऐसा हमेशा हो यह जरूरी नहीं। बिना किसी वजह के भी कोई व्यक्ति चिंता विकार से पीड़ित हो सकता है जिसके चलते वह अत्यधिक घबराहट, चिंता और आशंकाओं से ग्रसित हो सकता है। ये लक्षण व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।।
पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (व्यक्तित्व विकार)
कोई आदमी जिस तरह से सोचता है, महसूस करता है और व्यवहार करता है, उसे उसका व्यक्तित्व कहते हैं। किसी इंसान का व्यक्तित्व उसे दूसरे इंसान से अलग बनाता है। ये कई कारकों पर निर्भर करता है- उनके अनुभव, वातावरण (बचपन और जीवन की घटनाएं) और अनुवांशिक गुण इन कारकों में शामिल हैं । व्यक्तित्व इंसान के जीवनकाल में अपरिवर्तनीय रहता है।
व्यक्तित्व विकार वह स्थिति है जब किसी व्यक्ति के सोच विचार और भावनाओं की असामान्यता के चलते उसका व्यवहार प्रभावित होता है और उसे अपने किसी भी काम को पूरा करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
साइकॉटिक डिसऑर्डर (मनोविक्षिप्ति)
मनोविक्षिप्ति से जुड़ी समस्याएं (जैसे कि मनोविदलता या स्कित्जोफ्रेनिया) उन बीमारियों को कहते हैं जिसमें भ्रम, मतिभ्रम, अव्यवस्थित ढंग से बोलना, व्यवहार करना या फिर लंबे समय तक एक ही स्थिति में बने रहना (कैटेटोनिया) जैसे लक्षण दिखते हैं। यह समस्या कुछ दिनों तक बनी रह सकती है या फिर लंबे समय तक चल सकती है जिसके कारण गंभीर शारीरिक बीमारियों की तरह ही लंबे समय तक इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
ईटिंग डिसऑर्डर (भोजन संबंधी विकार)
खान-पान में गड़बड़ी के चलते किसी भी व्यक्ति के शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इस समस्या के ज्यादा देखे जाने वाले उदाहरणों में वजन कम करने के लिए खान पान छोड़ देना (क्षुधा-अभाव या एनोरेक्सिया), थोड़े समय में बहुत अधिक खाना खा कर उल्टी करना (क्षुधातिशयता या बुलिमिया) और बहुत अधिक खाना (बिंज ईटिंग डिसऑर्डर) शामिल हैं।
आघात संबंधी समस्याएं
आघात एक तरह का भावनात्मक प्रतिक्रिया है जो बहुत ज्यादा असर डालने वाली घटना या हादसे या लगातार होने वाली घटनाओं के चलते पनपता है। आघात संबंधी समस्याएं, जैसे कि पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी), ऐसी बीमारियाँ हैं जो मानसिक आघात के चलते व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।
मादक द्रव्यों के इस्तेमाल संबंधी समस्याएं
शराब, निकोटिन, दवाईयां, ड्रग्स- इन सबके बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने से जो समस्याएं उत्पन्न होती हैं उन्हें मादक द्रव्यों के इस्तेमाल से होने वाली समस्याएं कहते हैं।