प्रसवोत्तर नींद की समस्या

प्रसवोत्तर नींद की समस्या

बच्चे को जन्म देना एक माँ के लिए शारीरिक और भावनात्मक रूप से थकाऊ हो सकता है. यही समय है जब उसे पूरे आराम व विश्राम की ज़रूरत होती है. परंतु कई माताओं को पर्याप्त नींद और आराम पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है जो उनकी भावनात्मक पीड़ा को बढ़ाती है. बच्चे के स्वास्थ्य और निद्रा से संबंधित चिंताएँ माँ के विश्राम और नींद में बाधा ड़ालती हैं. कुछ माताएँ इस चिंता में नहीं सोती हैं कि कहीं नींद में वह बच्चे को नुकसान न पहुँचाए. कई माताएँ इस थकान और अनिद्रा से निपटने में समर्थ होती हैं और वापस नियमित समय पर सोने लगती हैं लेकिन कुछ महिलाएँ ऐसा नहीं कर पातीं.

प्रसवोत्तर अनिद्रा ऐसी स्तिथि है जब माताएँ थकान के बावजूद सो नहीं पाती हैं जब कि बच्चा भी आराम से सो रहा हो. उन्हें लगता है कि अगर वे सो जाएँगी तो बच्चे के उठने पर उन्हें पता नहीं चलेगा, और अगर सोती भी हैं तो इस कल्पना से जग जाती हैं कि बच्चा रो रहा है या जग चुका है. प्रसवोत्तर अनिद्रा का प्रसवोत्तर अवसाद से संबंध जोड़ा गया है जब कि कोई भी महिला सिर्फ़ प्रसवोत्तर अनिद्रा से ग्रस्त हो सकती है.

आप अपनी नींद में सुधार लाने के लिए क्या कर सकते हैं?

अगर आप बच्चे के जन्म के बाद पर्याप्त नींद नहीं कर पा रही हैं तो नींद की गुणवत्ता सुधारने के लिए निम्नलिखित चीज़ें कर सकती हैं:

  • कैफीनयुक्त उत्पादों से बचें: कैफीन आपकी नींद में बाधा डाल सकता है, विशेष रूप से दिन में.
  • सोने की एक दिनचर्या बनाएँ: सोने से पहले तनाव कम करना ज़रूरी है. गुनगुने पानी से स्नान करें, किताबें पढ़ें, अच्छा संगीत सुनें जिससे सोने से पहले आप आराम महसूस करें.
  • विश्राम तकनीक: गहरी सांस लेकर और मसल रिलाक्सेशन तकनीक से अपने शरीर को शारीरिक रूप से आराम दे सकते हैं.
  • अपने साथी को शामिल करें: आपके साथी आपकी परेशानी को समझकर आपका साथ दें तो आपकी अनिद्रा की समस्या कम होगी. रात में बच्चे को सँभालने का काम आपस में साझा कर लें. इससे दोनों निश्चिंत होकर अपनी नींद पूरी कर सकें. मसाज करवाने से शारीरिक थकान कम होगी.

अपने डॉक्टर से सोने की समस्या के बारे में बात करना आवश्यक है. वह आपको सही सलाह देंगे. डॉक्टर से परामर्श किए बिना कोई भी नींद की दवा न लें.

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