आन्दोलन उपचार को समझना

हमारे समसे संवेदनशील और कमज़ोर समय में, कोई एक गीत होता है जो हमारी आन्तरिक भावनाओं को आन्दोलित करता है या कोई नृत्य होता है जो हमारे विचारों को पूरी तरह से समझता है। हमने इस विश्व को अपनी संवेदनाओं के द्वारा जाना है और हम अपने दैनिक जीवन की कला का उपयोग हमेशा ही करते हैं। कला पर आधारित उपचार, चिकित्सा नही करते, वे साथ मिलकर कुछ प्रक्रियाएं करते हैं जिससे हमें अपनी बीमारी और चुनौतियों का सामना करने की ताकद मिलती है।

आन्दोलन चिकित्सा या नृत्य उपचार, इसमें व्यक्ति को अपनी बीमारी (शारीरिक या मानसिक), कोई विकलांगता या जीवन की चुनौतियों का सामना करने संबंधी शक्ति पाने के लिये आन्दोलनों का उपयोग किया जाता है। इस आन्दोलन उपचार का उद्देश व्यक्ति के बौद्धिक, मानसिक और संवेदनात्मक बेहतरी के लिये किया जाता है।

आन्दोलन उपचार का एक सत्र, जिसमें विविध गतिविधियां शामिल होती है और इसमें स्टेचिंग या खिंचाव संबंधी शुरुआती गतिविधियों से लगाकर बिना किसी नियम के नृत्य करना, व्यक्तियों को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने का माध्यम देना, किसी भी प्रकार से शारीरिक आन्दोलनों के माध्यम से विचारों की अभिव्यक्ति एक सुरक्षित वातावरण में करना शामिल होता है।

व्यक्तिगत आन्दोलन की जानकारी

हम सभी आन्दोलनों की संवेदना के साथ ही जन्म लेते हैं, और हमारे शरीर की अपनी एक भाषा होती है। हममें से कुछ व्यक्ति उपयोग की कमी के कारण इस माध्यम के साथ अपना संबंध खत्म कर लेते हैं, बीमारी, विकलांगता या हमारे द्वारा स्वयं के अस्तित्व के प्रति बोध की कमी भी इसका कारण हो सकती है। आन्दोलन उपचारकर्ता की भूमिका होती है कि व्यक्ति को ताल के आधार पर अपने आन्दोलनों के माध्यम से अभिव्यक्त करने की सुविधा दे, खासकर कुछ विचार या मुद्दे जिन्हे लेकर काम किया जाना जरुरी हो।

“मेरा मानना है कि यह प्रक्रिया एक मानसिक उपचार के समानांतर है, जहां पर आप एक सत्र से दूसरे सत्र में अपने मस्तिष्क के द्वारा कुछ शब्दों के माध्यम से जाते हैं। कुछ उसी प्रकार से आन्दोलन उपचार में शारीरिक भाषा का उपयोग हमारी अनुभूतियों को सामने रखने के लिये होता है। हम क्या सोच रहे हैं, हमें क्या तकलीफ हो रही है, हममें क्या कमी है और हम क्या होना चाहते हैं, हम कहांपहुंचना चाहते हैं, वह क्या है जिसे हम खोज रहे हैं आदि।“ यह कहना है त्रिपुरा कश्यप का जो स्वयं आन्दोलन उपचारकर्ता और क्रियेटिव मूवमेन्ट थैरेपी असोसियेशन इन्डिया की सह संस्थापिका है।

मानसिक रोग से ग्रस्त व्यक्ति को आन्दोलन उपचार कैसे मदद करता है?

उपचारकर्ताओं का कहना है कि आन्दोलन उपचार मानसिक बीमारी की चिकित्सा नही करता है, यह व्यक्ति को अधिक कार्यरत व सक्रिय कर सकता है। वे व्यक्ति जो मानसिक बीमारी के इलाज के लिये दवाईयां ले रहे हैं उन्हे अधिक थकान, आलस्य रहेगा या कुछ स्थितियों में उनकी प्रतिक्रियाएं बदल जाती हैम। आन्दोलन उपचार में समानांतर रुप से दवाईयां भी जारी रहती है, कुछ अन्य मानसिक उपचार भी समस्या के अनुरुप जारी रहते हैं। इस प्रकार से उपचार अपने साथ संवेदनात्मक या शारीरिक तरीके से अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करता है, इससे चुनौतियों को दूर करने में मदद मिलती है, उन्हे अपना जीवन सकारात्मक तरीके से जीने में मदद मिलती है। यह उन्हे उनके आत्म से जोड़ने में मदद करता है और आपको अपनी बीमारी की दशा में तय मानकों से भी अधिक मदद करता है।

क्या आन्दोलन उपचार केवल रोगियों के लिये है?

प्रत्येक वह व्यक्ति जो अपने शरीर के साथ संवाद करना चाहता है और स्वयं को बेहतर तरीके से समझना चाहता है, उसे आन्दोलन उपचार से फायदा होता है। आज आन्दोलन उपचार विविध जनसांख्यिकी समूहों के साथ, अलग अलग समूहों में जिनमें आयु अलग अलग होति है और विविध नैदानिक श्रेणियों में किया जाता है। आन्दोलन उपचार से व्यक्ति को उसकी छोटी और बड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है और वे अपने स्वास्थ्य को और बेहतर कर सकते हैं। आन्दोलन का उपयोग एक शक्तिशाली निदान के रुप में किया जा सकता अहि यदि व्यक्ति को अपने जीवन को एक नया आकार देना हो। इसके कारण व्यक्ति अपनी बनाई हुई सीमाओं से बाहर निकलता है और वास्तव में अपनी क्षमताओं को पहचान पाता है।

एक प्रशिक्षित उपचारकर्ता एक विशेष सत्र के द्वारा समूह या रोगी की आवश्यकताओं को समझ पाता है। उपचारकर्ता द्वारा ग्रोगी की जरुरतों का आकलन या निरीक्षण किया जाता है साथ ही उनके मुद्दे या चुनौतियों की पहचान की जाती है और विविध गतिविधियों के माध्यम से उनका समाधान करने का प्रयत्न किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को एकाग्रता संबंधी समस्या है, तब सही ताल के माध्यम से उसे बढ़ाया जाता है। यदि किसी रोगी को अपनी सामाजिक कौशल में वृद्धि करनी हो, तब उपचारकर्ता द्वारा उन्हे संवादात्मक गतिविधियों में शामिल किया जाता है, बॉल एक स्थान से दूसरे स्थान पर फेंकना, आंखों से संपर्क बनाना, आईने से और परछाई के माध्यम से कुछ गतिविधियां करवाई जाती हैं।

“कोई भी उपचार केवल समस्याग्रस्त व्यक्तियों के साथ ही नही होता परंतु उनके साथ भी किया जाता है जिन्हे हम सामान्य मानते हैं – परंतु हम सिर्फ उन्हे इस प्रकार से देखते हैं, वास्तव में हममें से कोई भी वास्तव में सामान्य नही है। मैं जब भी प्रयोगात्मक वर्कशॉप करती हूं, तब मुझे वास्तव में आश्चर्य होता है कि कितने प्रकार की संवेदनाएं हैं जिनके कारण व्यक्ति मानसिक रुप से बीमार होते हैं जैसे गुस्सा, डर, व्यग्रता आदि, और हम इन सभी को सामान्य ही मानते हैं। कला पर आधारित उपचारकर्ता, खासकर आन्दोलन उपचारकर्ता वाकई वह उपचार देते हैं जिसकी हम सभी को आवश्यकता है।“ कश्यप आगे कहती हैं।

आन्दोलन उपचार सत्र कैसे काम करते हैं

हममें से अधिकांश अपने शरीर को लेकर थोड़ा अवरोधात्मक सोच रखते हैं, हममें से कुछ तो इसी डर से सार्वजनिक रुप से नृत्य भी नही करना चाहते। आन्दोलन उपचार का प्रत्येक सत्र व्यक्तियों के मस्तिष्क में होने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिये होता है। प्रत्येक आन्दोलन उपचार सत्र में चार भाग होते हैं:

  1. शुरुआती या आन्दोलन प्रारंभ करने की स्थिति इसमें खेल या गतिविधियों के द्वारा शुरुआत की जाती है जिससे प्रतिभागी इस सत्र में अपनी गतिविधियों को लेकर सहज हो सके। कुछ वस्तुएं जैसे गुब्बारे आदि का उपयोग व्यक्तियों को सहज होने और अपने आप को अभिव्यक्त करने में आसानी हो सके, इस हेतु से किया जाता है।

  2. विषय वस्तु विकास इस दौरान रोगी या समूह की विशेष आवश्यकताओं के बारे में बात की जाती है। उदाहरण के लिये यदि ग्राहक को विकलांगता है, तब विषय वस्तु को पेशीय संयोजकता और शारीरिक विकास के माध्यम से आगे ले जाया जाएगा। उपचारकर्ता द्वारा कुछ गतिविधियां तैयार की जाती है जो व्यक्ति को अपने शरीर के संयोजन करने और उसे आगे बढ़ाने में मदद देती हैं।

  3. शांति स्थिति इसमें व्यक्ति गहरी सांस और आन्दोलनों की सहायता से शांत होने का प्रयत्न करता है

  4. शाब्दिक प्रक्रिया या समापन जिसमें व्यक्ति या समूह को उपचारकर्ता द्वारा इस सत्र के बारे में संक्षेप में जानकारी दी जाती है। उपचारकर्ता और ग्राहक द्वारा एक साथ काम करने की संभावनाओं को लेकर विचार किया जाता है: कोई भी रोगी अपने अनुभवों के साथ अपने दैनिक जीवन में कैसे बदलाव ला सकता है?

लेकिन मेरे पैर अजीब है! नृत्य मेरे बस की बात नही!

आन्दोलन उपचार सत्र कोई विशेष रुप से नर्तकों के लिये नही है, न ही यह कोई नृत्य कक्षा है। एक नृत्य कक्षा में शैली, फॉर्म व तकनीक पर ध्यान दिया जाता है। आन्दोलन उपचार में तकनीक या शैली पर कोई ध्यान नही दिया जाता। किसी भी प्रतिभागी के लिये उसके कदम और नृत्य के हाव भाव पर ध्यान नही दिया जाता है, न ही यह देखा जाता है कि नृत्य करते समय वे कैसे लग रहे हैं। पहले से तय किसी परिणाम को पाने का कोई दबाव नही होता है। आन्दोलन उपचार सत्र के दौरान व्यक्ति को अपने अन्दर मौजूद घटनाओं को लेकर अभिव्यक्ति किये जाने पर जोर दिया जाता है।

किसी नृत्य कक्षा से अलग, प्रतिभागियों को आन्दोलन उपचार सत्र में, नृत्य करने की अपेक्षा नही की जाती जब भी संगीत शुरु होता है। उपचारकर्ता द्वारा विविध गतिविधि संबंधी हलचल व आन्दोलनों से उन्हे मार्गदर्शन दिया जाता है और उन्हे तब तक सही स्थिति में लाया जाता है जब वे स्वयं को अभिव्यक्त करने की स्थिति में होते हैं। उपचारकर्ता द्वारा केवल आन्दोलन का विचार दिया जाता है और इसकी हलचल व्यक्ति द्वारा की जाती है। यह आन्दोलन धीरे धीए शुरु होता है, इसमें यह देखा जाता है कि कौन सा व्यक्ति इस काम को सही तरीके से व ताल के साथ करने में सहज है और वे अपने आप को कितना आगे ले जा सकते हैं। "यह एक आदर्श विचार है जिसमें किसी को भी निर्णायक प्रकार से नही देखा जाता। उपचारकर्ता कभी कोई अंक नही देते या आपके सृजन की समीक्षा नही करते। इसमें ध्यान प्रक्रिया पर होता है और परिणाम पर नही।“ ये विचार हैं गीतान्जली सारंगन के, जो कला आधारित उपचार प्रदाता हैं, बैंगलोर के स्नेह आधार फाउन्डेशन के साथ।

क्या किसी एक सत्र में आन्दोलन उपचार के लिये कोशिश की जा सकती है?

जी हां, आप आन्दोलन उपचार के एक सत्र में भाग ले सकते हैं। अनेक नृत्य उपचारकर्ता अनेक प्रयोगात्मक वर्कशॉप चलते हैं जो एक या दो दिनों के होते हैं। इसके अलावा आप लंबे समय तक किसी उपचारकर्ता के साथ भी काम कर सकते हैं।

मुझे उपचारकर्ता कैसे चुनना चाहिये?

यदि आप अपने मुद्दों को लेकर नृत्य उपचार का उपयोग करमा चाहते हैं, तब बेहतर होगा कि आप अपने उपचारकर्ता को खोजने से पहले अपनी तैयारी कर लें। यह याद रखें कि सभी प्रशिक्षित या व्यावसायिक नर्तक नृत्य उपचरकर्ता बन सकते हैम। एक नृत्य उपचारकर्ता के पास नृत्य उपचार में विशेष प्रशिक्षण होता है, और एक समझ होती है कि उन्होंने लोगों की समस्याओं के साथ कैसे काम करना है।

यहां पर कुछ अन्य कारक भी दिये जा रहे हैं जिन्हे आपने ध्यान में रखना चाहिये:

  • उनकी पात्रता क्या है? क्या उन्हे नृत्य उपचार में प्रशिक्षण मिला है?

  • क्या मानसिक शास्त्र संबंधी कोई पार्श्वभूमि उनकी है?

  • वे कितने समय से उपचार कर रहे हैं?

  • उन्होंने किस प्रकार के व्यक्तियों के साथ काम किया है? क्या उन व्यक्तियों के अनुभव आपकी जरुरतों से मेल खाते हैं?

  • क्या उन्होंने लंबे समय तक इससे पहले अपने ग्राहकों के साथ काम किया है? उपचारकर्ता जो कि विशेष समूह में लंबे समय तक काम करते हैं, वे उपचार के परिणाम का आकलन बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

  • क्या वे आपको सहज कर पाते हैं?

  • आप कोई सत्र सहज ही कर पाना चाहते हैं, तब जरुर करें, यदि आप उनकी शैली में सहज महसूस करते हैम। आपके शरीर का उनकी शैली और पहुंच पर क्या प्रतिक्रियात्मक प्रभाव होता है, यह अवश्य देखें।

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