आप ज़िंदगी बचा सकते हैं
सरोजा को उस सुबह काम पर जाने में देर हो गई थी. उसका मूड बिगड़ा हुआ था और रो रोकर उसकी आंखें सूज गई थीं. हल्की सी पूछताछ के बाद उसने बताया कि उसका पति शराब पीकर लौटा और बच्चों के सामने उसने बड़ा हंगामा किया. स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पिछले महीने कई बार उसने अपनी जान लेने की ठान ली थी.
मैंने महसूस किया कि सरोजा टूट गई थी और असहाय थी. अगले दस मिनटों में, मैंने अपना बाकी काम एक किनारे किया और उसकी बाद पूरी हमदर्दी के साथ सुनने लगी. इससे उसका बोझ कम हुआ.
मैंने नोट किया कि उसकी सामर्थ्य क्या है- वो दयालु थी, अच्छी वर्कर थी और बहुत ईमानदार थी. हममें से कई लोगों ने जिन्होंने उसे काम पर रखा था, उसकी कद्र करते थे. मैने उसके साथ पति के मामले को लेकर डॉक्टर के पास चलने की पेशकश की.
मैं बेशक उसकी किसी भी समस्या को हल नहीं कर पाई होंगी लेकिन उसने काफी हल्का महसूस किया और वो घर लौटी और वादा किया कि अगर अगली बार उसके दिमाग में आत्महत्या का ख़्याल आया तो वो इस ख़्याल से मुकाबला करन के लिए मदद मांगेगी.
आत्महत्या मदद की एक विह्वल पुकार है. ये बताना कठिन है कि क्यों कुछ लोग ये फैसला करते हैं, जबकि अन्य लोग बहुत बुरी स्थितियां आने के बाद भी ऐसा नहीं करते हैं. आत्महत्या की कोशिश करने वाले लोग अक्सर कहते हैं ऐसा करने से पहले उनके मन में मिलीजुली भावनाएं रहती हैं. दर्द से छुटकारा पाने की तीव्रतम इच्छा ज़रूर होती है लेकिन एक अंतर्निहित इच्छा जीवित बचे रहने की बनी रहती है. आत्महत्या का इरादा करने वाले अधिकांश लोग हो सकता है वास्तव में मरना न चाहते हों, क्योंकि वे अपने हालात से इतने तंग आ चुके होते हैं कि खुद को असहाय महसूस करते हैं. ऊपर लिखी दास्तान की तरह, अगर हम सहायता और सहानुभूति दिखाएं तो जीने की इच्छा बढ़ जाती हैं और आत्महत्या का जोखिम आमतौर पर कम हो जाता है.
आत्महत्या का इरादा करने वाला व्यक्ति किसी न किसी मोड़ पर अपने इरादे का कोई न कोई निश्चित संकेत देता है. ऐसे ही मोड़ पर हममें से हरेक गेटकीपर या पहरेदार का रोल निभा सकता है.
गेटकीपर यानी पहरेदार कौन हो सकता है?
गेटकीपर दरअसल वो व्यक्ति है जो ये मानता है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है और इस मामले पर अपना समय और ऊर्जा देने का इच्छुक है. ये टीचर हो सकता है, हॉस्टल वार्डन, अभिभावक, पड़ोसी, नियोक्ता, वॉचमैन, बस कंडक्टर, दुकानदार या समुदाय का लीडर. गेटकीपर के रूप में, आपको एक सतर्क निगाह रखनी होगी और उस समय खतरे को भांप लेना होगा और आवाज़ देनी होगी जब आप ये जान लें कि कोई व्यक्ति कितना ज़्यादा तनावग्रस्त है, जिसे शुरुआती भावनात्मक सपोर्ट चाहिए और फिर उन्हें किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ को रेफ़र कर देंगे. अगर आप सोचते हैं कि व्यक्ति में आत्महत्या की बेचैनी है तो ऐसे में इस तरह के प्रश्न कि- “क्या तुम कभीकभी ये सोचते हो कि ये जीना भी कोई जीना है?”- ऐसे प्रश्न व्यक्ति को आपसे अपने विचारों के बारे में बात करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. ज़्यादातर लोग जो सोचते हैं उसके उलट, ऐसे सवाल कभी आत्महत्या के ख़्याल को और अधिक नहीं भड़का देते हैं, वास्तव में, ऐसे सवालों के ज़रिए व्यक्ति अपने विचार को जाहिर कर सकता है. अक्सर ऐसा व्यक्ति जिसके ज़ेहन में आत्महत्या के ख़्याल आते हैं, वो भी ऐसे ख़्यालों पर शर्मिंदा होता है और उसे इस बात से राहत महसूस होती है कि वो इस बारे में बात कर सकता है और उस पर कमज़ोरी या कायरता का कोई लेबल चस्पां नहीं किया जा रहा है.
गेटकीपर यानी पहरेदार को क्या करना चाहिए?
आत्महत्या का इरादा करने वाले व्यक्ति को पूरी हमदर्दी और सहानुभूति के साथ सुनें, उन्हें आदर दें, उनकी भावनाओं के प्रति हमदर्दी दिखाएं और विश्वास के साथ उनका ख़्याल रखें. उन्हें तौलने की कोशिश न करें, उन्हें दोष न दें जिससे वो और दूर हो जाए. इस तरह के वाक्य न इस्तेमाल करें- आत्महत्या कमज़ोरी की निशानी है. व्यक्ति पर गुस्सा न करें और उनकी समस्याओं की अनदेखी न करें. उसकी सामर्थ्यों पर ध्यान दें और उन्हें जीवन में अच्छी चीज़ों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करें. आत्महत्या के साधनों को हटाने का ध्यान रखें (जैसे नुकीली चीज़ें, दवाएं, कीटनाशक आदि) और ये सुनिश्चित करें कि संकट के पूरी तरह ख़त्म होने जाने तक व्यक्ति को अकेला न छोड़ा जाए. हल्की सी ट्रेनिंग के बाद आप भी एक गेटकीपर या पहरेदार बन सकते हैं.
पद्मावती एनसीडब्लूबी (NCWB) में साइकेट्रिक नर्स हैं और डॉ प्रभाव चंद्रा निमहान्स में साइकेट्री की प्रोफ़ेसर हैं.
निमहान्स सेंटर फ़ॉर वेल बीन्ग (NCWB) के तहत बंगलौर स्थित बीटीएम लेआउट में हर एक महीने
के अंतराल पर आत्महत्या की रोकथाम के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाता है.
अगर आप गेटकीपर के रूप में प्रशिक्षित होना चाहते हैं तो आप NCWB से इन नंबरों पर संपर्क कर
सकते हैं : 080-26685948 / 9480829670.