गर्भावस्था के दौरान चिंता
गर्भवती महिलाओं का चिंतित होना आम बात है. वे इन बातों से चिंतित रहती हैं कि उन्हें क्या खाना-पीना चाहिए, क्या करना चाहिए क्या नहीं आदि जो हर गर्भवती के लिए सामान्य है. मगर यही चिंताएँ उनकी दिनचर्या को प्रभावित करें तो यह चिंता विकार का संकेत हो सकता है.
गर्भावस्था के दौरान चिंता विकारों के कुछ लक्षण हैं:
• लगातार चिंतित रहना जो कम नहीं होते
• लगातार बेचैनी, चिड़चिड़ापन या गुस्सा करना
• आतंक के हमले और अत्यंत भयभीत होना
• मांसपेशियों में तनाव और शांत रहने में कठिनाई
• रात में सोने में कठिनाई
अगर आपकी चिंताएँ सामान्य न होकर आपको ऊपर दिए गए लक्ष्णों का अनुभव होता है तो आपको अपने साथी या परिवार के किसी सदस्य से बात कर मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की मदद लेनी चाहिए.
गर्भावस्था के दौरान हुए मानसिक व शारीरिक परिवर्तन के कारण कई महिलाओं में चिंता और अवसाद के लक्षण दिखने लगते हैं. ज्यादातर महिलाएँ सक्षम होती हैं और उन्हें किसी के हस्तक्षेप की ज़रूरत नहीं पड़ती. परंतु कुछ महिलाओं में ये अवसाद गंभीर हो जाता है.
कुछ ज़ोखिम कारक जो गर्भावस्था के दौरान, चिंता विकार से पीड़ित महिलाओं की चिंताएँ बढ़ाती हैं, वे हैं:
• पहले ही से एक चिंता विकार से पीड़ित होने पर
• परिवार के इतिहास में चिंता विकार
• पिछले गर्भावस्था से नकारात्मक अनुभव
• घर या कार्यालय में अतिरिक्त तनाव
यह सामान्य है |
यह संभवत: एक चिंता विकार है |
बच्चे के स्वास्थ्य की चिंता, ये सोचना कि आप अच्छे माता-पिता होंगे या नहीं, बच्चे के होने से आर्थिक स्तिथि में परिवर्तन की चिंता |
यही चिंताएँ जब आपके दैनिक जीवन की कार्य-क्षमता को कम करें, जिन चीज़ों को करने में आनंद आता था अब आपको उसमें खुशी नहीं मिलती, या आप अक्सर भय या आतंक से पीड़ित रहते हैं |
रात में नींद कम होने के कारण मामूली दर्द होना |
तेज़ धड़कनों की वजह से माँसपेशियों में तनाव और थकान |
इलाज
ऐसी महिलाएँ जिनकी चिंताओं के लक्षण हल्के हैं, उन्हें भावनात्मक समर्थन, थोड़ी मनोचिकित्सा (सैकोथेरेपी) - कॉग्निटिव बिहेवियोरल थेरेपी या इंटरपर्सनल थेरेपी काफ़ी है. इन उपचारों से उनका इलाज जड़ से किया जा सकता है और उनके सोच-विचार में बदलाव लाया जा सकता है.
अगर चिंता के लक्षण तीव्र या गंभीर हैं तो दवाओं की आवश्यकता हो सकती है. आपके मनोचिकित्सक आपको ऐसी दवाएँ सुझाएँगे जिससे आपको कम ज़ोखिम, अधिक लाभदायक होगा. (कम खुराक जब आवश्यकता हो).