मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अपने डॉक्टर से कैसे चर्चा करें?

अगर आप किसी मानसिक बीमारी से जूझ रही हों तो ज़रूरी नहीं है कि मातृत्व बेहद चुनौतीपूर्ण हो. आप अपने मनोचिकित्सक, अपने वैद्य से परामर्श कर अपने मानसिक स्वास्थ्य व अपनी गर्भावस्था के बारे में उन्हें बताते रहें तो आप अपनी इस अवस्था का आनंद उठाने में सक्षम हो सकती हैं.

आप अपने वैद्य से इन बातों का ज़िक्र ज़रूर करें:

1.अपनी मानसिक बीमारी का इतिहास

२. आप जो दवाइयाँ ले रही हैं

आपके मनोचिकित्सक और वैद्य आपस में इस बारे में बात कर लें तो आपके लिए अच्छा रहेगा. इससे आपके गैनेकॉलॉजिस्ट को भी आपकी स्तिथि की जानकारी रहेगी ताकि किसी भी समस्या को सँभालने में उन्हें मदद मिले.

आप अपने वैद्य के साथ अपनी देखभाल योजना के बारे में भी बताएँ जिससे उनको ये जानकारी रहे कि समस्या आने पर आपको उनसे किस तरह की सेवाओं की ज़रूरत पड़ सकती है.

• अगर आप अपने वैद्य को अपनी दवाओं के बारे में बता दें तो वे आपके और आपके बच्चे की सुरक्षा का पूरा ध्यान रख सकते हैं.

• अगर आपकी गर्भावस्था अनियोजित हो तो आप निश्चित ही अपने वैद्य को अपनी दवाओं के बारे में बताएँ जिससे उन्हें ये जाँच/स्कैन करने में आसानी हो कि भ्रूण का स्वस्थ रूप से विकास हो रहा है या नहीं.

• कुछ दवाओं के कारण मधुमेह हो सकता है. आपकी दवा इस श्रेणी में आती हो तो आपके वैद्य नियमित रूप से आपके ब्लड-शुगर के स्तर की निगरानी कर सकते हैं और ज़रूरत पड़ने पर सही सलाह दे सकते हैं.

अपने मनोचिकित्सक और प्रसूति (वैद्य) की सलाह के तहत अपनी मानसिक बीमारी और अपने बच्चे की देखभाल करने में सक्षम हो सकती हैं- गर्भावस्था से पहले और बच्चे के जन्म के बाद.

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