प्रसवोत्तर अवसाद (पोस्टपार्टम डिप्रेशन): मिथक और तथ्य

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मिथकः उदासी की भावना नहीं रहेगी अगर मैं इसे नज़रअंदाज़ करूँ या सकारात्मक विचार रखूँ

तथ्यः प्रसवोत्तर अवसाद महज़ उदासी की भावना नहीं है बल्कि एक गंभीर बीमारी है, जिसके इलाज की ज़रूरत होती है.

मिथकः मुझे प्रसवोत्तर अवसाद इसलिए है क्योंकि मैं कमज़ोर व्यक्ति हूँ.

तथ्यः मज़बूत और बुद्धिमान महिलाओं को प्रसवोत्तर अवसाद हो सकता है. ये आपकी किसी कमज़ोरी या नाकामी से नहीं होता है.

मिथकः अगर मैं प्रसवोत्तर अवसाद दवाएँ लूँ तो मैं शिशु को अपना दूध नहीं दे सकती हूँ.

तथ्यः प्रसवोत्तर अवसाद के इलाज के लिए दवाएँ दी जाती हैं जो स्तनपान के साथ ली जा सकती हैं. आप अपने हेल्थ केयर प्रदाता या स्तनपान परामर्शदाता से इस बारे में जानकारी ले सकते हैं.

मिथकः प्रसवोत्तर अवसाद शिशु के जन्म के कुछ महीनों में ही आ सकता है.

तथ्यः प्रसवोत्तर अवसाद गर्भावस्था के दौरान या शिशु के प्रथम वर्ष के दौरान कभी भी आ सकता है.

मिथकः क्योंकि मुझे पहले बच्चे की पैदाइश के समय प्रसवोत्तर अवसाद नहीं हुआ था लिहाज़ा मुझे ये शायद कभी नहीं होगा.

तथ्यः प्रसवोत्तर अवसाद किसी भी शिशु के जन्म के समय हो सकता है.

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