आभार: मुख्य भावना

आप अपने जीवन के लिए सबसे अधिक किसके आभारी हैं ? कितनी बार आप आभार महसूस करते हैं, और आपके लिए आभार व्यक्त करना कितना आसान है? मानव इतिहास में आभार विविध संस्कृतियों में ‘आभार’ एक महत्वपूर्ण भावना है, ऐसे सवाल मन में उठते हैं तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है.

यह भारत के लिए निश्चित रूप से सही है। उदाहरण के लिए,1200 से अधिक साल पहले एक हिन्दू कवि एवं दार्शनिक द्वारा तमिल में लिखित साहित्य ‘ द कुरल’ के  एक वर्ग में दैनिक जीवन में कृतज्ञता पर विशेष प्रकाश ड़ाला गया है. इसी साहित्य के एक दोहे में कहा गया है कि मनुष्य को सभी पापों से मोचन मिल सकता है पर कृतघ्नता के पाप से कोई नहीं बच पाया है. ( तिरुक्कुरल के रीडिंग्स, जी.एन दास,पृष्ठ 32)

समकालीन विचारक डॉ उमा मैसूरकर, उत्तरी अमेरिका के हिंदू मंदिर सोसायटी के अध्यक्ष के अनुसार हिंदू संस्कृति में कृतज्ञता का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है. इसके दो पहलू हैं- हमें जो भी मिलता है उसके लिए हमें कृतज्ञ होना चाहिए लेकिन हमें दूसरों से आभार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. दुनिया के अन्य महान धर्मों ने भी हमेशा  कृतज्ञता पर ज़ोर दिया है. पश्चिमी दार्शनिक परंपरा के अनुसार, प्राचीन यूनानी दार्शनिक सिसरो ने घोषित किया कि "कृतज्ञता एक महान गुण ही नहीं है पर बाकी सारे गुणों से बढ़कर है."

अभी हाल ही तक, मनोविज्ञान में आभार के बारे में थोड़ा ही कहा गया है. लेकिन अमेरिकी विचारक इब्राहीम मास्लो मध्य 20 वीं शताब्दी में अपने अध्ययन से इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि जो पुरुष और महिलाएँ रचनात्मक, उत्पादक और संतृप्त होते हैं उनमें  आसानी से कृतज्ञता महसूस करने व प्रकट करने के गुण होते हैं जो मानसिक स्वास्थ्य का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है.जिन्हें इसमें कठिनाई होती है उनमें ये गुण विकसित किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस कल्पना में कि पृथ्वी पर हमारा समय बहुत कम है हमें जीवन की खुशियों को जीकर कृतज्ञ होना है. डेविस में कैलिफ़ोर्निआ विश्वविद्यालय के डॉ रॉबर्ट एमोन्स कृतज्ञता पर शोध करनेवाले  आज के अग्रणी शोधकर्ताओं में एक हैं. उनके अनुसार आभारी लोगों को रो्ज़मर्रा के जीवन में मानसिक रूप से कई लाभ हैं, जैसे- खुशी, अन्य लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध, भौतिक संपत्ति के साथ कम लगाव, जीवन की खुशियों से गहरा संबंध जो ईर्ष्या की भावना को कम करता है.             

वह और उनके सहयोगियों आभारी लोगों को दैनिक जीवन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मानसिक रुप से लाभ प्राप्त कर पाया है। ये ऐसी खुशी, आशावाद और जीवन शक्ति, अन्य लोगों के साथ घनिष्ठ संबंधों के रूप में अधिक से अधिक व्यक्तिगत भलाई, शामिल हैं; भौतिक संपत्ति के साथ सभी जीवन के लिए कनेक्शन है, और कम चिंता का एक मजबूत भावना। इस संबंध में आभार ईर्ष्या की भावनाओं को कम करता है।

विवाह जैसे रोमांटिक संबंधों में भी आभार का एक महत्त्वपूर्ण रोल है.

एक अनुसंधान के अनुसार पति-पत्नी अगर एक दूसरे के प्रति आभार प्रकट करते हैं तो विवाद कम होता है क्योंकि ऐसे संबंध में क्रोध और निराशा के लिए जगह नहीं होती है. चैपल हिल के उत्तर कैरोलिना विश्वविद्यालय की डॉ सारा एल्गो और उनके सहयोगियों के अनुसार अपने रोमांटिक पार्टनर के प्रति आभार व्यक्त करना इस रिश्ते में ‘बूस्टर शॉट’  की तरह काम करता है , रिश्ते को और मजबूत बनाता है. ये अभ्यास विदेश में फ़ैंसी छुट्टियाँ बिताने से बढ़कर है.

पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के डॉ मार्टिन सेलिग्मान और उनके सहयोगियों ने आभार व्यक्त करने के कई तरीके विकसित किए हैं.        

आप जितने ज़्यादा कृतज्ञ होंगे आपके जीवन में उतनी ही खुशियाँ आएँगी. नीचे दिए गए नुस्खे काफ़ी असरदार हैं:-

  1. आभार-सूची बनाएँ. हर हफ़्ते कुछ समय निकालकर उसमें ये लिखें कि आप किसके प्रति या किसलिए आभारी हैं. इस सूची में किसी के भी नाम हो सकते हैं जैसे- परिवार के लोग, मित्र, संबंधी, पड़ोसी, सहयोगी आदि. इसमें आप अपनी अभिरुचि, प्रतिभा, अपने स्वास्थ्य, कमाई आदि भी नोट कर सकते हैं.
  2. आभार-पत्रिका भी लिखें. इसमें हर दिन सोने से पहले उस दिन की किसी घटना का उल्लेख करें जिसके लिए आप आभारी हैं. उदाहरण- आप ऑफ़ीस निश्चित समय से पहले पहुँच गए या बस के लिए बहुत देर इंतज़ार नहीं करना पड़ा आदि. प्रतिदिन लिखना महत्त्व रखता है क्यों कि इससे हमारी कृतज्ञता का पलड़ा भारी होता जाएगा. इसके लिए आप रोज़ एक निश्चित समय बना लें.
  3. आभार- पत्र लिखें. अगर शादी-शुदा हों तो पति को लिख सकते हैं नहीं तो अपने माता-पिता या भाई बहन को लिखें. अपने पत्र में किसी भी घटना का ज़िक्र करते हुए उनके प्रति अपना आभार प्रकट करें.  
  4. अपने मित्र को आभार-पत्र लिखें. कभी-कभी हम अपने काम-काज में ऐसे खो जाते हैं कि शायद शुक्रिया अदा करना भी भूल जाते हैं. किसी भी मित्र का हमारे जीवन में कितना महत्त्व है ये बताना ज़रूरी है और हस्तलिखित पत्र के ज़रिए हम ये कर सकते हैं.
  5. आभार प्रकट करने का एक अभ्यास बना लें. अपने घर में ये पोस्ट लगाएँ –

" मैं अपने जीवन के हर दिन के लिए आभारी हूँ." ये पोस्ट ऐसी जगह लगाएँ जहाँ आसानी से दिख जाए.

Related Stories

No stories found.
logo
वाइट स्वान फाउंडेशन
hindi.whiteswanfoundation.org