योग अभ्यास आत्म-अनुशासन में कैसे मदद करता है?
हम व्यायाम के किसी भी रूप के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले ये सवाल उठते हैं:
१) इस गतिविधि के लिए कितना समय और कितनी मेहनत लगेगी
२) यह कितना मुश्किल या आसान है
३) कितनी बार करनी पड़ेगी
हालांकि, किसी भी प्रकार के व्यायाम के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है आत्म-अनुशासन की.
हम सभी ये जानते हैं कि योगाभ्यास का चलन सारे विश्व में है और इन व्यायामों के हर रूप का अपना ही महत्त्व है और लाभ हैं. ये एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्तिथियों में सुधार लाते हैं.
योग का मुख्य लक्ष्य है आत्म-अनुशासन और आत्म जागरूकता प्राप्त करना. आत्म-अनुशासन न हो तो योग का परिणाम हम नहीं देख सकते हैं.
पतंजलि योगसूत्र में, आत्म-अनुशासन को 'तापस' कहते हैं- मतलब काम करने और काम सीखने की इच्छा. स्व-अनुशासन किसी भी गतिविधि पर लागू किया जा सकता है - क्रियाशीलता, नया शौक सीखने, सृजनात्मक कार्य में, योग आदि से अपने गुस्से और भावनाओं को काबू में रखना, पौष्टिक खान-पान, अपने पारस्परिक संबंधों में सुधार, नियमित रूप से अभ्यास करना ही आत्म-अनुशासन है.
आत्म-अनुशासन को कायम रखने के लिए आप इन गुणों की मदद ले सकते हैं -
जागरूकता:
१) अपने उद्देश्य एवं ज़रूरत को समझें
२) खुद में क्या सकारात्मक परिवर्तन देखना चाहते हैं
३) यगाभ्यास के बाद के परिणामों के बारे में जानें
फिर उसी के अनुसार अपने योग गुरु / शिक्षक से योगासन व उनके लाभ के बारे में ज्ञान प्राप्त करें, अपनी चिंताएँ उन्हें बताएँ और उनके बताए हुए व्यायाम नियमित रूप से करें.
"सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है". नियमित रूप से करते-करते योगाभ्यास अपनी दिनचर्या का हिस्सा बन जाएगा, जो मानसिक अनुशासन, को प्राप्त करने में मदद करता है। आप अपने काम, आदतों, और जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन देख सकते हैं.
निम्नलिखित निर्देश आपको योगाभ्यास को नियमित रूप से करने में मदद करेंगे:
१) आप रात का खाना सोने से कम-से-कम दो/तीन घंटे पहले खा लें.
२) सोने का एक नियमित समय बना लें और याद रखें कि सात/आठ घंटे की नींद ज़रूरी है.
३) देर रात तक मोबाइल, टी.वी., लैपटॉप आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें जो आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं.
४) प्रतिदिन निश्चित समय और स्थान पर योगाभ्यास करें ताकि स्थान चुनने में समय न बर्बाद करें और सुस्ती से बचें.
टीमवर्क: दोस्तों के साथ या एक समूह बनाकर योगाभ्यास करें ताकि वह एक दिलचस्प व आनंददायक गतिविधि हो और आप उसका अभ्यास न छोड़ें.